गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
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गणेश जी की आरती
गणेश जी की आरती – FAQ
1. ‘गणेश जी की आरती’ किसकी आरती है?
‘गणेश जी की आरती’ भगवान गणेश की पूजा के लिए गाई जाने वाली एक लोकप्रिय आरती है। यह आरती विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और अन्य धार्मिक अवसरों पर गाई जाती है।
2. इस आरती का महत्व क्या है?
गणेश जी की आरती का महत्व बहुत अधिक है। इसे गाने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह आरती विशेष रूप से आरंभिक कार्यों में सफलता पाने के लिए गाई जाती है।
3. आरती के बोल क्या होते हैं?
आरती के बोल कुछ इस प्रकार होते हैं: “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा, माता के चरणों में बसा एक अकेला।”
4. इस आरती का गाना कब करना चाहिए?
यह आरती विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के समय, शुक्रवार और मंगलवार को गाई जाती है। इसे किसी भी समय भगवान गणेश की पूजा करते समय गाया जा सकता है।
5. क्या यह आरती परिवार के सभी सदस्यों के लिए की जा सकती है?
हां, यह आरती परिवार के सभी सदस्यों के लिए की जा सकती है। गणेश जी की आरती गाने से पूरे परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।