राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
“राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” एक अत्यंत मधुर और भावनाओं से परिपूर्ण भक्ति गीत है, जो जनकपुर में भगवान श्रीराम और माता सीता के प्रथम मिलन का अनुपम चित्रण करता है। जब जनक नंदिनी सीता जी ने भगवान श्रीराम का दर्शन किया, तो उनके तेज, सौंदर्य और दिव्यता को देखकर वे भावविभोर हो गईं और बाग में जाकर वहीं स्थिर रह गईं।
गीत में नजरों का मिलना, सखियों की चंचल बातें और श्रीराम के पराक्रम की चर्चा अत्यंत सुंदरता से प्रस्तुत की गई है।
यह भजन हर भक्त के हृदय में प्रेम, श्रद्धा और भक्ति की गंगा प्रवाहित कर देता है।
“राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” भक्ति रस में डूबने का एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है।
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी हिन्दी लिरिक्स
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी
राम को देख कर………….
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी,
सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी,
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी
बोली है एक सखी राम को देखकर,
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी
Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandani Lyrics in English
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi,
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi,
Ram dekhe Siya Maa Siya Ram ko,
Chaaro ankhiya ladi ki ladi reh gayi
Ram dekhe Siya Maa Siya Ram ko,
Chaaro ankhiya ladi ki ladi reh gayi
Ram ko dekh kar………….
The Janakpur gaye dekhne ke liye,
The Janakpur gaye dekhne ke liye,
Saari sakhiya jharokaan se jhaankan lagi,
Saari sakhiya jharokaan se jhaankan lagi,
Dekhte hi nazar mil gayi dono ki,
Jo jahan thi khadi ki khadi reh gayi
Dekhte hi nazar mil gayi dono ki,
Jo jahan thi khadi ki khadi reh gayi
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi
Boli hai ek sakhi Ram ko dekhkar,
Boli hai ek sakhi Ram ko dekhkar,
Rach diye hai Vidhata ne jodi sughar,
Rach diye hai Vidhata ne jodi sughar,
Par dhanush kaise todenge vaare Kunwar,
Sab mein shanka bani ki bani reh gayi
Par dhanush kaise todenge vaare Kunwar,
Sab mein shanka bani ki bani reh gayi
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi
Boli dooji sakhi chhotan dekhan mein hai,
Boli dooji sakhi chhotan dekhan mein hai,
Boli dooji sakhi chhotan dekhan mein hai,
Par chamatkaar inka nahin jaanti,
Ek hi baan mein Taadka rakshasi,
Uth saki na padi ki padi reh gayi
Ek hi baan mein Taadka rakshasi,
Uth saki na padi ki padi reh gayi
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi
यह भी देखें -
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फिर मिलेंगे एक नए विषय के साथ। जय श्रीराम!