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“मुझे चढ़ गया भगवा रंग” एक लोकप्रिय भजन है, जिसे शहनाज़ अख्तर ने गाया है।

भजन के बोल:

ये भगवा रंग, रंग रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

ये भगवा रंग है ऋषि मुनि, और संतो का,
हिन्द के वीर बलियों का, और महंतो का,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

ये रंग रंग लिया माँ भारती के, वीर लालों ने,
नहीं घुल सकता है ता जिंदगी, नदियों ना तालों में,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

ये वो रंग है जो जनक लली के, मस्तक से आया है,
जिसे अंजना के लल्ला ने, चोले में लगाया है,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

ये वो रंग है जो श्री राम जी के, मन को भाया है,
अवध को छोड़ते समय प्रभु ने, तन रंगाया है,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

सुनो जी पार्थ को भारत भूमि में, यह रंग चढ़ गया,
न्याय और नीति के पीछे वो, अपनों से लड़ गया,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।

ये भगवा रंग, रंग रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।