
Kumar Sanu
कुमार सानू (असली नाम: केदर्नाथ भट्टाचार्य) भारतीय पार्श्वगायक हैं, जो 90 के दशक के सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक माने जाते हैं। उनकी आवाज़ और गायकी का जादू आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
- जन्म: 20 अक्टूबर 1957, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- पूरा नाम: केदर्नाथ भट्टाचार्य
- पिता: पशुपति भट्टाचार्य (शास्त्रीय गायक और संगीतकार)
- उपनाम: “मेलोडी किंग” और “बॉलीवुड रोमांस किंग”
- कुमार सानू ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान 1990 में आई फिल्म “आशिकी” से मिली। इस फिल्म के गाने सुपरहिट हुए और उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
- उन्होंने लगातार पांच साल (1991-1995) तक फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता, जो एक रिकॉर्ड था।
कुमार सानू ने हजारों गाने गाए हैं, लेकिन उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध गाने हैं:
- धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में आना – आशिकी (1990)
- तेरी उमर लग जाए – कुर्बान (1991)
- अब तेरा क्या होगा जान-ए-तमन्ना – दिल है के मानता नहीं (1991)
- बाजीगर ओ बाजीगर – बाजीगर (1993)
- तुझे देखा तो ये जाना सनम – दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)
- ये काली काली आंखें – बाजीगर (1993)
फिल्मफेयर अवॉर्ड – 5 बार (लगातार 1991-1995)
पद्मश्री पुरस्कार – 2009 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड – 1993 में एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड
कुमार सानू ने बंगाली, मराठी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगु और पंजाबी जैसी कई भाषाओं में गाने गाए हैं। वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं और उन्होंने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए कई योगदान दिए हैं। उनकी सुरीली आवाज़ और रोमांटिक गानों के लिए वे आज भी लाखों लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।