गणेश चालीसा Ganesh Chalisa Best Lyrics Hindi & English #02
गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) “जय जय जय गणपति गणराजू ” का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह एक भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान गणेश की प्रशंसा करता है। चालीसा में भगवान गणेश के जन्म, पराक्रम और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। गणेश चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Ganesh Chalisa […]
गणेश स्तुति मंत्र Ganesh Stuti Mantra Best Lyrics in hindi & English #01
गणेश स्तुति मंत्र(Ganesh Stuti Mantra) गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) गणपति, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता गणेश की प्रशंसा और आराधना के लिए उपयोग होने वाले मंत्रों में से एक है। गणेश स्तुति मंत्र एक वैदिक मंत्र है जो भगवान गणेश की आराधना करता है। यह मंत्र गणेश जी को प्रसन्न करने और उनकी […]
संकटनाशन गणेश स्तोत्रम् Sankat Nashan Ganesh Stotram Best Lyrics in Hindi & English #03
संकटनाशन गणेश स्तोत्रम् (Sankat Nashan Ganesh Stotram) संकटनाशन गणेश स्तोत्रम् (Sankat Nashan Ganesh Stotram) गणेश जी का एक शक्तिशाली स्तोत्र है। यह नारद पुराण से लिया गया एक स्तोत्र है। जिसमे भगवान को संकटनाशन बताया गया अर्थात गणेश जी के इस स्तोत्र जा जाप करने से हमे हमारे जीवन में आने वाली सभी संकटो से […]
Rinmukti Shri Ganesha Stotram Best Lyrics in Hindi & English #05 ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम्
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् (Rinmukti Shri Ganesha Stotram) ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् (Rinmukti Shri Ganesha Stotram) गणेश जी का एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जैसा की इस स्त्रोत के नाम से स्पष्ट है। इस स्त्रोत का उपयोग प्रातः काल में व्यक्ति द्वारा 06 माह तक लगातार कर्ज से मुक्ति के लिए किया जाता है, इससे मन […]
श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम् Shri Hanumat Tandava Stotram Best Lyrics in Hindi & English #06
श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम् (Shri Hanumat Tandava Stotram) ॥ ध्यान॥ वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्। रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥ ॥ स्तोत्र पाठ ॥ भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्। सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं, समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥1॥ सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न। इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वान- राऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः॥2॥ सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना, भुजद्वयेन सोदरीं […]