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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे (Teri Mand Mand Muskaniya Pe)

“तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे” (Teri Mand Mand Muskaniya Pe) एक राम भजन है जो राघवेंद्र भगवान राम की मंद मंद मुस्कान की सुंदरता की प्रशंसा करता है।यह भजन हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय राम भजन है और इसे अक्सर राम नवमी और अन्य राम त्योहारों के अवसर पर गाया जाता है।

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे लिरिक्स हिंदी में

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरी मुस्कनिया पे, तेरी मुस्कनिया पे,
बलिहार राघव जी, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरे बाल बड़े घुंघराले, बादल जो कारे कारे,
तेरे पांव की पैजनिया से, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरी चाल अजब मतवाली, लगती है प्यारी प्यारी,
तेरे पायल की झंकार पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरे संग में सिया सुकुमारी, लगती है प्यारी प्यारी,
इस युगल जोड़ी पर जाऊं मैं, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरे नैन बड़े कजरारे, लगते हैं प्यारे प्यारे,
तेरी मधुर मधुर मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

तेरी मुस्कनिया पे, तेरी मुस्कनिया पे,
बलिहार राघव जी, बलिहार राघव जी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी।

Teri Mand Mand Muskaniya Pe Lyrics in English

Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Teri Muskaniya Pe, Teri Muskaniya Pe,
Balihar Raghav Ji, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Tere Bal Bade Ghungharale, Badal Jo Kare Kare,
Tere Panv Ki Paijaniya Se, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Teri Chal Ajab Matavali, Lagati Hai Pyari Pyari,
Tere Payal Ki Jhankar Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Tere Sang Mein Siya Sukumari, Lagati Hai Pyari Pyari,
Is Yugal Jodi Par Jaun Main, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Tere Nain Bade Kajarare, Lagate Hain Pyare Pyare,
Teri Madhur Madhur Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

Teri Muskaniya Pe, Teri Muskaniya Pe,
Balihar Raghav Ji, Balihar Raghav Ji,
Teri Mand Mand Muskaniya Pe, Balihar Raghav Ji.

भावार्थ:

यह भजन भगवान श्रीराम के रूप में राघव जी के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। इसमें भगवान श्रीराम के रूप, मुस्कान, चाल, आभूषण, और उनकी जोड़ी की सराहना की जाती है। आइए, इसका भावार्थ विस्तार से समझते हैं:

“तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार राघव जी”
यह पंक्ति भगवान श्रीराम की मधुर और कोमल मुस्कान की प्रशंसा करती है। उनका चेहरा जब मुस्कुराता है, तो भक्तों का दिल छू जाता है और वे भगवान को अपने जीवन के समर्पण के लिए तैयार हो जाते हैं। इस मुस्कान में दिव्यता और आकर्षण है, जिससे भक्त उनसे पूरी तरह से समर्पित हो जाते हैं।

“तेरे बाल बड़े घुंघराले, बादल जो कारे कारे”
यहाँ भगवान श्रीराम के सुंदर बालों का वर्णन किया गया है, जो घुंघराले और काले बादलों जैसे हैं। उनके बालों की सुंदरता को देखते हुए भक्त उनके रूप में सम्मोहित हो जाते हैं। इसके अलावा, उनके पैरों की पैजनियां (घुंघरू) भी उनके आकर्षण को और बढ़ाती हैं।

“तेरी चाल अजब मतवाली, लगती है प्यारी प्यारी”
भगवान श्रीराम की चाल का वर्णन किया गया है, जो खास और आकर्षक है। उनकी चाल में एक अलौकिक आकर्षण है, जो भक्तों के दिलों को छू जाता है। यह उनकी दिव्यता और महानता का प्रतीक है।

“तेरे संग में सिया सुकुमारी, लगती है प्यारी प्यारी”
इस पंक्ति में भगवान श्रीराम और माता सीता की युगल जोड़ी की सराहना की गई है। दोनों की जोड़ी आदर्श और प्रेम का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि भगवान श्रीराम और माता सीता का संबंध कितना सुंदर और परम आदर्श है।

“तेरे नैन बड़े कजरारे, लगते हैं प्यारे प्यारे”
भगवान श्रीराम की आँखों का वर्णन किया गया है, जो कजरारी और बहुत प्यारी हैं। उनकी आँखों में एक विशेष आकर्षण है, जो उनके भीतर की शांति, प्रेम, और दिव्यता को दर्शाती हैं।

इस भजन के हर शेर में भगवान श्रीराम की शारीरिक सुंदरता, उनकी लीलाओं और उनके दिव्य रूप का वर्णन किया गया है। भक्त भगवान की इन विशेषताओं को देखकर अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं। यह भजन भगवान श्रीराम के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम का प्रतीक है।

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फिर मिलेंगे एक नए विषय के साथ। जय श्रीराम! 🙏