hindilyric.in

19 / 100
Dard Karara 5

॥ आरती गजबदन विनायक की ॥

आरती गजबदन विनायक की।सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥

आरती गजबदन विनायक की।सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥

 

आरती गजबदन विनायक की॥

एकदन्त शशिभाल गजानन,विघ्नविनाशक शुभगुण कानन।

शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन,दुःखविनाशक सुखदायक की॥

 

आरती गजबदन विनायक की॥

ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति,विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति।

अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति,विद्या-विनय-विभव-दायककी॥

 

आरती गजबदन विनायक की॥

पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर,धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर।

लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर,सुर-वन्दित सब विधि लायक की॥

 

आरती गजबदन विनायक की॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *